DAMAGE CONTROL IN SAMAJWADI PARTY
Now after four years of Samajwadi Party government in the state, Sh.Shivpal Yadav want to give their resignation from UP Assembly due to Gunda gardi by Samajwadi Party leaders and Administration . And Sh Mulayam singh Yadav also show their unhappiness with the chief minister of U.P. through open stage.
Previously so many times it were listen in the Media that more than four chief minister of U.P. are working from the Samajwadi Party.
Previously so many times it were listen in the Media that more than four chief minister of U.P. are working from the Samajwadi Party.
आदरणीय श्री मुलायम सिंह यादव जी अब क्यौ परेशान होते हैं। यह नीचे लिखी कहावत आप की पार्टी पर ठीक लगती है :----
" चार बरतन एक साथ हो तो वह आपस में बजते हैं। "
अब समाजवादी पार्टी में यही हो रहा है। सभी माननय अखिलेश यादव जी की टांग खिचने पर लगे हैं। ये कार्य काफी समय से चल रहा है। इन सब की वजह से समाजवादी पार्टी में कुछ अछे नेता अपनी छवि खराब होने से बचाने में लगे हैं। तथा बाकी सब नेता इस घमासान में अपना फायदा उठाने में लगे हैं व भूमि माफिया का काम, सरकारी जमीन पर कब्जा करने तथा अपने इलाके में धौस जमाने के लिए हर तरह का गुंडा राज चला रखा है।
हमरे परदेश के अधिकतर नेता, कार्यकर्ता, व प्रशासन में परदेश को हर तरीके से लूटपाट की एक मजबूत CHEMISTRY दिखाई देती है जो अब टूटनी कठीन है।
इसी CHEMISTRY ने परदेश में कानून व्यवस्था को खत्म कर दिया है। तथा सड़कों, गांव या शहरों में गुंडे,
बदमाशों व लुटेरों को पूरा सहयोग मिल रहा है। तथा जनता परेशान हैं।।
आज चार साल बाद शिवपाल जी यादव व मुलायम सिंह यादव जी कहते हैं कि हमारे पास सब की खबर है तथा मंत्री, नेता, प्रशासन लुटेरे तथा रिश्वत बाजी में लगे रहते हैं।
नेता जी अगर आप को पहले से ही पता था तो आप दोनों ने मानिय अखिलेश यादव (Chief minister)
को उन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को क्यों नहीं कहा। आप दोनों देखते रहे तथा परदेश हर प्रकार से लुटता रहा। आप ने भी तो कानून का साथ नहीं दिया है। कानून की नजर में, जान पुछ कर जुर्म को छुपाने वाले भी उतना ही जुमेदार होते हैं जितने जुर्म करने वाले होते हैं।।
इस लुकाछिपी में तो परदेश का बुरा हाल हो गया है।
परदेश में कोई जुर्म हो जाता है तो हमारे नेता उलटे सीधे बयान देकर, केवल माहौल को बिगड़ते ही है।
नेता जी :-
" (अब पछताए कया हौए जब चिड़िया जुग गयी खेत) "
किस किस को समाजवादी पार्टी से निलंबित करोगे। पता होने पर, जुर्म छुपाना भी गलत है।
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