समाजवादी पार्टी में उत्तर प्रदेश में नेताओं के बीच घमासान तथा सूलह परदेश की जनता के हित में नहीं दिखाई दे रहा।

मेरे पिछले तारीख 08/08/2016 -14/08 /2016 तथा 28 /08 /2016 के पोस्टों में समाजवादी पार्टी के बारे में कुछ अपने विचार व्यक्त किए थे। जिस में  आदरणीय मुलायम सिंह यादव व आदरणीय शिवपाल सिंह यादव ने खुलासा किया था कि समाजवादी पार्टी ने कुछ नेता , मंत्री, एम एल सी, तथा कुछ प्रशासनिक अधिकारी आपस में मिल कर सरकारी जमीनों पर कब्जा करना व दूसरे अनैतिक कार्य कर रहे हैं। मैंने भी अपने विचार व्यक्त किए थे कि इन नेताओं, मंत्रियों व प्रशासनिक अधिकारियों की कैमिस्ट्री के कारण ये केवल सरकारी जमीनों के लूट पाट व हर प्रकार की दूसरे गुंडा गरदी के काम में लगे हुए हैं। कानून व्यवस्था से इनका कोई भी लेना देना नहीं है। तथा इसी कारण उतर परदेश में गुड़े व डकैतों के द्वारा  खुल कर लूटपाट, चोरी डकैती, बलात्कार व अन्य अनैतिक कार्य की पिछले चार साल में काफी बढ़ोतरी हुई है। 

 समाजवादी पार्टी सरकार ने पीछले कुछ दिनों में जब आदरणीय मुलायम सिंह यादव तथा शिवपाल सिंह यादव की बातों पर ध्यान दें कर अपने नेताओं व मंत्रियों पर कार्रवाई करनी शुरू की तो लगा कि सरकार अपनी समाजवादी पार्टी से अब गुंडे नेताओं व मंत्रियों को अब बाहर का रास्ता दिखा रही है।  सोचा पूरी तरह से लूटपाट मचाने के चार साल बाद सरकार को जनता का ध्यान तो आया। जनता ने सोचा कि एक साल तो चैन से कट जायेगा। 

लेकिन यह तो बात कुछ और ही हो गई। समाजवादी पार्टी में  आपस में घमासान हो गया तथा परदेश सरकार को अपने निकाले गए नेताओं व मंत्रियों को अपनी सरकार में वापसी करवानी पडी। तथा कुछ को वापस लेने पर विचार हो रहा है। लगता है कि उत्तर परदेश में कुछ भी जनता के हितों में नहीं हो रहा है।
मेरे विचार से जैसा मुलायम सिंह यादव व शिवपाल सिंह यादव ने कहा था कि परदेश में नेताओं, मंत्रियों व प्रशासनिक अधिकारियों की कैमिस्ट्री के द्वारा गुड़ा गरदी मचाई जा रही है तो ये सब तो भारतीय दंड संहिता के उल्लंघन के दोषी होने चाहिए थे। पर इनको तो फिर से कुछ भी करने की ताकत मिल गयी है।
इसके उत्तर प्रदेश में असर दिखाई दे रहे हैं। पर सरकार को तो जनता को जबाब देना है तथा जनता अच्छे बुरे कर्मों का फल समय  आने पर हमेशा हर पार्टी को देती आ रही है तो आप को भी जबाब देगी।

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