जवानों के खून की दलाली का अारोप कांग्रेस पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी का शर्मनाक वक्तवय,,,,,?

मेरी राहुल गांधी जी से अनुरोध है कि वो रथयात्रा के कारण काफी थके हुए दिखाई देते हैं। इसी कारण उन का अपनी जुबान पर पर काबू नहीं रहा है।

राहुल गांधी जी जब आपने यह वक्तव्य जारी किया था तब कहीं आप मेरठ शहर के आसपास तो नही धूम रहे थे। मेरठ की जमीन में किसी भी परदेशी आदमी की जुबान को व बोल चाल को भटका देती है। लगता है आप की जुबान ने भी आप का साथ छोड़ दिया। ओर आप जवानो के खून की दलाली का गलत व शर्मनाक वक्तव्य दे बैठे।
 
मेरठ के बारे में एक पुरानी कहावत है सुनो :----
 
"एक बार श्रवण कुमार अपने माता-पिता को अपने कंधे पर पालिका में बैठाकर चारों धाम के दर्शन को ले जा रहे थे। जब वे मेरठ के एरिया से गुजर रहे थे तो उनके माता-पिता को पानी पीने की आवश्यकता पडी, तो उन्होंने बेटे से पानी मांगा। इस पर बेटे ने कहा कि पानी तब ही मिलेगा जब आप इस के लिए कर (टैक्स) देंगे। माता-पिता आंखों के अँधें थे, उन्होंने अपने बेटे से पूछा कि क्या हम मेरठ से गुजर रहे हैं तो बेट ने कहा कि हां हम मेरठ से ही गुजर रहे हैं। तो फिर माता-पिता ने पानी  नहीं मांगा। तथा सोचा कि मेरठ एरिया से बाहर निकल कर ही पानी पीएेंगे। सो मेरठ के एरिया में  बाहर से आने वालो की जुबान फिसलने लगती है। "
 
अब आप को व आप के नेताओं को अपनी जुबान पर काबू पाने में ही अच्छा होगा। आप के नेता इस बात पर कुछ आप से भी ज्यादा गलत बयान बाजी कर रहे हैं।
 
अगर आप लोगों ने फौज के खून के बारे में अौर अधिक व गलत बयान बाजी की तो, भारत की जनता आप को व आप की कांग्रेस पार्टी को चुनाव में सबक सिखाने के लिए तैयार है। 

" मेरे थोड़ा लिखे को ज़्यादा समझे वरना"
#अब पछताए क्या होए जब चिडिया चुग गई खेत

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