अमर सिंह ने मुझे भारतीय कोर्ट द्वारा सात साल की सजा देने से बचाया,,,मुलायम सिंह यादव,, ? क्या कानून से भी अधिक कोई ताकतवर है,,?
मैं अपने पीछले पोस्टों में समाजवादी पार्टी के नेताओं में आपसी घमासान के बारे में तथा एक-दूसरे पर संगीन आरोप लगाते हुए उत्तर प्रदेश की सारी जनता देख रही है। उनके घमासान में जो आरोप लगाये जा रहे हैं वो भारतीय IPC धाराअौ के अंतर्गत आते हैं। अब भारतीय जनता देखना चाहती है कि इस पर सीधा केंद्रीय सरकार संगयान लेगी या फिर भारतीय कोर्ट सीधे तौर पर संगयान लेगी या फिर सब शांत रहेगे तथा जनता को टॉर्चर व लूटने देगे।
समाजवादी पार्टी के घमासान में जो बाते सामने आई वो कुछ नीचे लिखा गया है :-
- इस घमासान में मुलायम सिंह यादव ने जनता व पार्टी के सामने कहा कि, मै अमर सिंह को कैसे भूला दू, उसने मुझे सात साल की सजा से बचाया था। क्या कोई संगीन आरोप के बाद सजा से बच सकता है। क्या यहां पर अमर सिंह ने कानून व गवाहों को तोडने फोड़न में मोटा धन तथा सत्ता के आशिर्वाद का सहारा लिया था।
- इस घमासान में नेताओं ने सरकारी प्रशासन, समाजवादी पार्टी के मंत्रियों, M L C s तथा समाजवादी पार्टी के विधायको पर सरकारी जमीनों के कब्जाने । , नदियों, व खदानों से अवैधानिक रूप से माल को निकालने व बाजार में बेचने का कार्य तथा दूसर अनैतिक कार्य भी सामने आ रहे हैं।
- शिवपाल यादव ने बाढ़ के आने तथा नदियों के किनारे टूटने पर साफ कहा था कि हम जानते हैं कि हमारे प्रशासनिक अधिकारी व इंजीनियर बिना कमीशन लिए कोई काम नहीं करते हैं तथा हर कार्य पर ठेकेदारों से 10 % कमीशन तो ठेका देने में ही ले लेते हैं तथा यह बात यहीं खत्म नहीं होती तथा साइट पर काम शुरू होने पर, साइट्स के इंजीनियर अलग से कमीशन ठेकेदारों से लेते हैं तथा इस से काम की गुणवत्ता बहुत नीचे गिर जाती है तथा नदियों में बाढ़ के समय भारी मात्रा में जान माल का नुकसान होता है। जब मंत्री बोल रहा है तो केन्द्रीय सरकार या भारतीय कोर्ट को संगयान लेने की आवश्यकता है।
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