समाजवादी पार्टी के नेताओं पर भ्रस्टाचार के आरोप /समाजवादी पार्टी में घमासान का कारण कौन? आजम खान v/s अमर सिंह या साधना गुप्ता पत्नी मुलायम सिंह v अखिलेश यादव या,,,, कौन ,?
मैंने अपने पीछेले पोस्टों तारीख 04/14/&28/10/2016 में समाजवादी पार्टी में फूट सामने नजर अाने लगी थी। उस समय शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव पर आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के पुलिस अधिकारी व प्रशासनिक अधिकारी मेरी बात नहीं सून रहे हैं तथा मुख्यमंत्री के नेता, विधायक, MLC, लूट पाट,गुंडा फन व सरकारी जमीनों के कब्जे तथा अन्य गैरकानूनी कामों में लगे हुए हैं। इस के जबाव में मुख्यमंत्री ने आरोपी मंत्रियों जैसे शिवपाल यादव,,, प्रजापति तथा कुछ अन्य मंत्रियों को अपने मंत्री परिषद् से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।नदियों में बाढ़ के समय नदियों के किनारे टूटने पर, बाढ़ प्रकोप परदेश में काफी बढ़ोतरी हुई थी। इस पर शिवपाल यादव ने सब इंजीनियरों व प्रशासनिक अधिकारियों को कमीशन खोर बताया तथा 10%या उससे अधिक कमीशन खाते हैं, काम कहां से ठीक-ठाक होगा। शिवपाल यादव जी अपने को बचाते हुए दूसरे अघिकारियों को दोषी करार दे रहे हैं। क्या यह सच है यह तो भगवान् या इस का भुक्तभोगी(जो काम के बदले कमीशन देते हैं ) ही जानते है। पर नेता जी जब आप को पता है तो उन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तो सामने नहीं आई है।
तारीख 23/10 /2016 को रामगोपाल यादव ने शिवपाल यादव व परिवार तथा उसके साथी विधायकों को पूरी तरह से भ्रष्टचार में डूबा हुआ बताया है। वहीं शिवपाल यादव ने भी रामगोपाल यादव व परिवार पर भी इसी प्रकार की टिप्पणी की है। लगता है सब भ्रस्टाचार में डूबे हुए हैं तथा इन्होंने उत्तर प्रदेश को बरबाद कर दिया है।
इन सब आधार पर लगता है कि :- उत्तर प्रदेश में तो यह एक काले कोयले की कोठरी है,तथा इस काली कोठारी में सब काले अर्थात सब भ्रस्टाचार में डूबे हैं
अब CBI व Supreme Court व केन्द्र सरकार को किस सबूतों की आवश्यकता है स्वयं ही संगयान लेने की आवश्यकता है।
पीछले पांच दिनों से समाजवादी पार्टी में घमासान मचा हुआ है परन्तु कुछ बातों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है जैसे :-
- आजम खान शांति से सब कुछ देख रहे हैं। सब जानते हैं कि आजम खान व अमर सिंह मे बहुत पुरानी लडाई है जिस की सुलह तो मुलायम सिंह यादव भी नहीं करा सके हैं।
- आजम खान जी को कोई दूसरा मुसलमान चेहरा समाजवादी पार्टी में मुख्य भूमिका में पसंद नहीं ह सब जानते है। यह चेहरा शिवपाल यादव जी , अतिक अहमद व मुख्तार अंसारी के रूप में सामने ला रहे हैं।
- एक मुस्लिम चेहरा अब्बास मुम्बई से भी शायद उन्हीं की देन है।
- अब एक नया नाम साधना गुप्ता (मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी) का भी इस फसाद में उभर कर सामने आ रहा है। पर इस पर आवाज कम व दब कर आ रही है।
यह बातें मुलायम सिंह यादव को पहले ही सोच लेना चाहिए कि अभी भी आजम खान कि पकड़ उत्तर प्रदेश के मुसलमानों में अधिक है। तथा आजम खान, मुलायम सिंह यादव की इज्जत करते हैं व अखिलेश यादव से काफी लगाव व घनिष्ठता है। अगर अमर सिंह का साथ नहीं छोड़ा तो आप की समाजवादी पार्टी उसी गहराई में डूब जायगी जहां से उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के नाम व आजम खान के साथ से उच्च स्थान पर पहुंचीं थी। मुलायम सिंह यादव जी निर्णय भावुकता से नहीं लेकर वर्तमान समय को देख कर लिया जाय तो आप की समाजवादी पार्टी को कुछ ताकत मिल सकती है। आप ने देखा नहीं की राजनीति में कोई पक्का व हमेशा विश्वासपात्र साथी नहीं होता है। मुलायम सिंह यादव जी आप का बेटा बहुत शिक्षित व समझदार हैं बस अब उसको दुसरो से ज्यादा परेशान नहीं होने दे व उसकी बात को मान लेने में आप की भलाई है। तथा यह भी मेरा कहना है कि भ्रस्टाचार नेताओं को गिरफ्तार करवा कर उत्तर प्रदेश को उन से बचाया जाए।
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